SIP को निवेश करने का एक अच्छा तरीका माना जाता है , इसको काफी सुरक्षित भी माना जाता है और ये भी माना जाता है की SIP बाजार के उतार चढाव से भी बचाता है क्योकि SIP के जरिये निवेश हर महीने होता है और एवरेज होता रहता है | लेकिन ये सब पूरी तरह सही नहीं है |
SIP आपको बाजार के उतार चढाव से बचाता तो है लेकिन सिर्फ कुछ शुरवाती वर्षो में हमेशा के लिए नहीं | जैसे जैसा आपका समय बढता है आपका SIP में लगाया गया पैसा भी बढ़ जाता है और बाद के वर्षो में जो भी उतार चढाव होगा वो आपके अब तक लगाये गए कुल पैसे के आधार पर होगा |
अब इसको जरा विस्तार से समझते है | मान लेते है की आपको 15 साल बाद बच्ची के विवाह के लिए 20 लाख की जरुँत होगी | 12% के हिसाब से 15 साल में २० लाख जोड़ने के लिए आपको 4000 की SIP करनी होगी | जो लक्ष्य है उस से थोडा ज्यदा का ही SIP करना चाहिए ताकि अगर उतना रिटर्न न मिल पाए तो भी हमारा लक्ष्य पूरा हो सके | यदि 4500 की SIP की जाए तो 15 वर्ष बाद 22.7 लाख जुड़ जायेंगे |
अब जरा १० साल के बाद की स्तिथि देखते है की कितना अमाउंट हो सकता है
10th year : 10.5 Lakh
12th year : 14.5 Lakh
15th year :22.7 Lakh
अब यहाँ देखने वाली बात यह है की दसवे साल जो अमाउंट हो गया है वो 10.5 लाख है , अब जो भी उतार चढाव होगा वो इस १० लाख की संख्या पर होगा , जो की 4500 के मासिक SIP के मुकाबले बहुत ही ज्यदा है | १०% भी यहाँ से बाजार गिरता है तो आपका १ लाख से ज्यदा कम हो जाएगा , जो की लगभग आपके २ साल के योगदान के बराबर हो जाता है | वर्षो की SIP बाद में ज्यदा जोखिम वाली हो जाती है क्योकि आपकी संख्या बहुत बड़ी हो चुकी है और ये उतनी ही ज्यदा वोलेटाइल होगी जितना की किसी कंपनी के अकेले के शेयर लेने जैसा |
जितना लम्बा समय SIP को हो जाएगा वो उतनी ही ज्यदा वोलेटाइल हो जायेगी | यानि लम्बी अवधि में SIP आपको बाजार के उतार चढाव से नहीं बचाएगी और साथ में आपकी उतनी अच्छी अवेराजिंग भी नहीं होगी क्योकि आपका SIP अमाउंट आपके अब तक के अमाउंट के मुकाबले बहुत ही छोटा हो जायेगा |
अब एक और बात जो देखने की है की १० साल के अंतराल में एक बार तो बाजार में बहुत बड़ी गिरावट आती ही है और ये गिरावट 30-50% तक हो सकती है | अब ये गिरावट अगर शुरुवात के वर्षो में हो जाए तो अच्छी बात है हमारी अवेराजिंग हो जाएगी , लेकिन अगर येही गिरावट हमारे लक्ष्य वाले अन्तिम वर्ष के पहले हो जाए तो बड़ी मुसीबत हो जाएगी | बारहवे साल जब अमाउंट 14.5 लाख हो गया है और उस समय अगर बाजार 40% गिर जाए और आपका म्यूच्यूअल फण्ड अगर 30% भी गिर गया तो आपके 14.5 लाख , 10 लाख ही रह जायेंगे | ये वो समय होगा जब आपको तीन साल बाद २० लाख चाहिए होंगे पर आपके निवेश की कीमत १० लाख रह गयी है , और एसे समय घबराहट होना लाजमी है और इस घबराहट में अधिकतर निवेशक अपना फण्ड बेचने का ही काम करते है | वो निवेशक भी एसी गिरावट में बेच देते है जिनको की आने वाले कुछ वर्षो में पैसे की जरुरत भी नहीं होती क्योकि वो इतना बड़ी गिरावट नहीं देख पाते है |
अगर आप किसी लक्ष्य के लिए निवेश कर रहे है तो ये जरुरी हो जाता है की आप अतिम वर्षो में तैयार हो जाए एसी गिरावट के लिए , अच्छा येही होगी की अन्तिम वर्षो के पहले जब बाजार अच्छा खासा ऊपर हो और आपके फण्ड की वैल्यू अच्छी तो उसको बेच कर फिक्स्ड इनकम वाले एसेट में निवेश कर ले | जैसे अगर आप २-४ साल पहले निकाल कर उस पैसे को अगर FD, या डेब्ट फण्ड में, या फिर पूर्णतः इक्विटी फण्ड की जगह बैलेंस्ड फंड में कर दे तो फिर आप अपने लक्ष्य वाली संख्या पर कम से कम जोखिम के साथ पहुच सकते है, बाजार गिर भी जाए तो भी |
ये सब स्वयं कर लेना हर निवेशक के लिए आसान नहीं होता इसलिए किसी एडवाइजर से सलाह भी ले लेनी चाहिए |