जिस व्यक्ति के पास बचत नहीं होती उसे हमेशा भागना पड़ता है | जो भी काम मिले भले ही वो कितना भी कष्ट वाला हो करना पड़ता है | पर अगर बचत हो तो कुछ महीने सही नौकरी के लिए रुक सकते है |
जिसके पास बचत नहीं होती उसको भय में जीना पड़ता है | कब कौन सी मुसीबत आ जाये , पैसे की जरुरत पड़ जाए तो फिर क्या करेंगे ? क्या किसी के सामने हाथ फैलाना पड़ेगा ? इन्ही भय में उसको जीना पड़ता है |
दूसरे का आभारी रहना पड़ता : वैसे तो आभारी होना कोई बुरी बात नहीं है पर अगर आपके पास बचत नहीं है तो आपको दुसरे व्यक्ति की कई बार मदद लेनी पड़ेगी जो आपको अहसानमंद बना देगी आपको अपने मददगारो की वो बात भी माननी पड़ेगी जो आपको पसंद न हो | बिना बचत के आप उतने आत्मसम्मान के साथ नहीं जी सकते |
जहा सम्मान न मिले उस काम को छोड़ सकते है: अगर बचत नहीं है तो तो मजबूरी में सुननी पड़ेगा और झुक कर काम करना पड़ेगा | अगर अच्छी बचत है तो उस नौकरी को लात मार सकते हो जहा आत्मसम्मान न हो और कोई दूसरी देख सकते हो |
रोटी कपड़ा से आगे नहीं सोच पाओगे: बिना बचत के आप बस आज में जीते है , लम्बे समय के प्लान नहीं बना सकते , बना लेंगे तो पूरे नहीं कर सकते | रोज की जरूरतों में ही सारा पैसा अगर चला जाता है तो भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कुछ ख़ास नहीं कर पाओगे |
अपना सम्मान नहीं बढ़ा सकते ; बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुप्पैया | जितना ज्यदा आपकी दूसरे के लिए कुछ करने की क्षमता होती है उतना ही आपका सम्मान बढ़ता है | अगर आप किसी को चाय नाश्ता नहीं करवा सकते भोजन नहीं करवा सकते , दूसरे को किसी त्यौहार या कार्यक्रम में कोई उपहार नहीं दे सकते, आपदा में दूसरे की सहायता नहीं कर सकते तो आपको ज्यदा सम्मान नहीं मिलेगा | अगर परिवार में भी कुछ कर नहीं सकते तो उनसे भी सम्मान नहीं मिलेगा |
बचत करने के लिए बहुत ज्यदा आय का होना जरुरी नहीं है जरुरी है सही लाइफस्टाइल का सही मैनेजमेंट का |
जितनी बड़ी आपकी बचत होगी उतना ही आप आत्मविश्वास और सम्मान के साथ जी पाएंगे |
बचत करे और आत्मसम्मान से जिए