From Homless Farmer To A Billionare
एक बेघर किसान , जिसके परिवार में दूर दूर तक किसी का भी शेयर बाजार से लेना देना नहीं रहा हो वो अगर शेयर बाजार से अरबो कमा ले तो शायद आपको विश्वास न हो , पर ये काम केरल के एक किसान पोरिन्जू वेल्याथ ने किया है |
पोरिन्जू का जन्म 1962 में कोच्ची में एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था | उनका शुरुवाती जीवन आर्थिक उतार चढावो से भरा रहा | जब वह 16 वर्ष के थे तो लोन चुकाने के लिए उनके परिवार को उनका घर बेचना पड़ा था | पोरिन्जू ने फिर 2500 रु महीने की नौकरी एक टेलीफ़ोन एक्सचेंज में की और साथ में अपनी कानून की पढाई भी की | अपना ला पूरा करने के बाद उन्हें अच्छी नौकरी जब नहीं मिली तो उन्होंने मुंबई जाकर नौकरी करने का फैसला किया |
मुंबई में उन्हें कोटक सेक्युरिटीज में फ्लोर ट्रेडर की नौकरी मिली , जहा से उनका शेयर बाजार से परिचय हुआ | कुछ ही दिनों में पोरिन्जू ट्रेडिंग को समझ गए और खुद ही शेयर ट्रेडिंग करने लगे | उन्होंने चार साल कोटक में काम किया जहा वो बाजार को सीखते समझते रहे | 1994 में उन्होंने कोटक छोड़ दिया और पराग पारीख की कंपनी में रिसर्च एनालिस्ट के तौर पर ज्वाइन किया | वो पांच साल वहा काम करते रहे और सीखते रहे | कोटक में जहा उन्हें ट्रेडिंग सीखने का मौका मिला तो पराग पारीख सेक्युरिटीज में उन्हें निवेश करना सीखने को मिला |
मुंबई का शेहरी जीवन उन्हें रास नहीं आ रहा था 1999 में वो वापस कोच्ची चले गए और वही से ही अपने लिए ट्रेडिंग और शेयरों में निवेश करने लगे | उन्होंने अपना पहला बड़ा निवेश जिओजित में किया जिसने उन्हें मल्टीबेगर मुनाफा दिया | इस पैसे से उन्होंने अपना घर और जमीन वापस खरीद ली जो उनके परिवार को बेंक का लोन चुकाने के लिए बेचनी पड़ी थी | शेयरों में ट्रेडिंग निवेश के साथ साथ वो खेती भी करने लगे, जो वो आज भी करते है |
2002 में उन्होंने अपनी खुद की इन्वेस्टमेंट कंपनी इक्विटी इंटेलिजेंस शुरू की जो आज कई बड़े उद्योगपतियों और व्यवसाइयो का पैसा शेयर बाजार में निवेश करती है | पोरिन्जू को खेती करना बहुत पसंद है उसका ऑफिस भी उनके फार्म पर है ताकि वो खेती को भी समय देते रहे |
पोरिन्जू वेल्याथ की निवेश रणनीति
पोरिन्जू एसी कंपनियों में निवेश करना पसंद करते है जो आज अच्छी इस्तिथि में न हो पर भविष्य जिनका अच्छा हो सकता है | पोरिन्जू अच्छे मनेजमेंट वाली कंपनी ही पसंद करते है और शेयर के महगे होने से पहले ही निकल जाते है | 2012 में उन्होंने श्रेया शिपिंग का शेयर 30 रु में लिया जी 2015 में बढ़कर 869 का हो गया जिसे पोरिन्जू ने 700 पर ही बेच दिया था | उनका मानना है भले ही शेयर और ऊपर जाए पर अच्छे निवेशको को उस से निकल जाना चाहिए जब वो अपने सही फंडामेंटल भाव पर पहुच जाए |