ख़राब कंपनी में निवेश करने से एसे बचे
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निवेश के लिए अच्छी कंपनी की तलाश भूसे में सुई की तलाश करने जेसा है. निचे दिए गए 5 तरीको से आप किसी ख़राब कंपनी की पहचान कर सकते हैं:
1). ऐसी कंपनी में निवेश न करे जो समय पर आपने निवेशको को जानकारी न दे:
ये हर कंपनी की जिम्मेदारी होती है की वो आपने निवेशको को समय समय पर कंपनी की तिमाही और सालाना रिपोर्ट प्रदान करे. यदि ये रिपोर्ट आपको कंपनी की वेबसाइट पर न मिले, तो हो सकता है की वो कंपनी आपसे कुछ छुपा रही है. ऐसी कंपनियो से बचे. ऐसी ही एक कंपनी है castex Technologies, जिन्होंने 2013 से आपनी सालाना रिपोर्ट का प्रदर्शन नहीं किया है.
2). जो कंपनी टैक्स न भरती हो:
ऐसी कंपनी में निवेश न करें जो मिनाफा कम रही हो परन्तु कम टैक्स या टैक्स ही न भर रही हो | एसी कंपनियों का मुनाफा अधिकतर समय कागजी मुनाफा होता है , वो उधार में में अपने सामान बेच रही होती है , पैसे न मिलने के कारन ही वो टैक्स नहीं भर रही होती है |
3). जिन कंपनियों पर कर्ज बहुत ज्यादा हो:
एक ऐसी कंपनी जिस पर काफी क़र्ज़ हो, उनका वितीय संरचना बहुत उलझी हुई होती है. जिन कंपनियों का फाइनेंसियल लिवरेज का अनुपात 4 से ज्यादा हो उन कम्पनीज में निवेश जोखिम भरा हो सकता है. और जिन कंपनियों का इंटरेस्ट कवरेज अनुपात 5 से निचे हो, ऐसी कंपनियों से भी बचना चाहिये
4). ऐसी कंपनी जिनका ROE 10 से निचे रहता हो:
ROE मतलब Return on Equity एक एसा अनुपात है जिसके द्वारा आप ये जन सकते है की कंपनी ने शेयर धारको के पेसे पर कितना लाभ कमाया , वितीय कंपनियों के लिए ROE कम से कम 12 होना चाहिये | जिस कंपनी का ROE जायदा है वो अच्छी कंपनी होती है |
ROE का सूत्र है:
ROE= नेट मार्जिन x एसेट टर्नओवर x फाइनेंसियल लिवरेज
5). ऐसी कंपनी जो नकारात्मक ऑपरेटिंग मुनाफे में चल रही हो
एक ऐसी कंपनी में आप निवेश क्यों करना चाहेंगे जो मुनाफा ही न कर रही हो? ऐसी जरुर है की कुछ कंपनिया वर्षो तक घटे में चलने के बाद मुनाफा कमाने लगती है, पर इसकी सम्भावना काफी कम रहती है. यदि कंपनी का मुनाफा हर साल घट रहा हो तो भी उसमे निवेश करने से बचना चाहिये.