विजय केडिया- एक बेहेतरीन निवेशक
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विजय केडिया भारत के सबसे मशहूर इन्वेस्टर्स में से एक हैं. यदि उनके जीवन से सीख ली जाए तो आप भी एक सफल इन्वेस्टर बन सकते हैं.
जानिए केसे किया उन्होंने 35 हज़ार से 500 करोड़ तक का सफ़र
विजय केडिया के पिता और दादा दोनों ही स्टॉक ब्रोकर्स थे. जब 1978 में उनके पिता का देहांत हो गया तो उनको परिवार को चलाने के लिए मजबूरन शेयर बाज़ार में आना पड़ा.
आने वाले 10 सालो में विजय जी को फायदा हुआ पर नुकसान भी हुआ. ज्यादा कमाई न होती देख विजय जी ने चाय का भी व्यापर किया. परन्तु इन 10 सालो में विजय जी ने आपने जीवन का सबसे बड़ा सबक सिखा, ओर वो था स्टॉप-लोस. उन्होंने ये जाना की एक ट्रेडर बहुत तरीको से पेसे कम सकता है, पर अगर वो स्टॉप-लोस का उपयोग नहीं करेगा तो वो सारे पेसे गवा भी सकता है.
जल्द ही विजय केडिया को एहसास हो गया था की ट्रेडर की बजाए उनको निवेशक बनना पड़ेगा. उन्होंने कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस करना शुरू किया. जब उन्होंने जीवन में पहली बार निवेश किया तब उनके पास मात्र ₹ 35,000 थे और एक किराये एक घर में रहते थे. उन्होंने काफी अनुसंधान के बाद अपने पेसे पंजाब ट्रेक्टर कंपनी में लगाये. अगले 3 साल में ये ₹35,000 ₹2,10,000 में बदल गए. इन पेसो को उन्होंने ACC कंपनी में लगाया. ACC का शेयर ₹300 में लिया. पहले साल में कुछ खास नहीं हुवा, परन्तु अगले वर्ष ये शेयर 10 गुना बढ़कर ₹3,000 पर पहुँच गया. इस मुनाफे से उन्होंने आपने लिए माकन ख़रीदा.
भले ही उन्हें शेयर बाज़ार में मज़बूरी में आना पड़ा हो, पर उन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. विजय जी का मानना है की एक निवेशक में ये 3 गुण होने चाहिये:
1):- ज्ञान: एक निवेशक को ज्ञान होना चाहिये ताकि वो उच्च कोटि के शेयर निवेश के लिए ढूंड सके. इस ज्ञान को पाने के लिए कोई सरल रास्ता नहीं है. इसका एक ही रास्ता है और वो है वो वो व्यक्ति निवेश की जानकारी पढने से न घबराए. जितना हो सके उतना पढ़े. अगर वो ये नहीं कर सकता तो वो एक सफल निवेशक नहीं बन सकेगा.
2):- हिम्मत: शेयर बाज़ार एक जोखिम भरा व्यापर है जहाँ आप अपनी सारी पूंजी गवा सकते हैं. हर कदम पर ये पेसे गवाने का खतरा रहता है. येही वजह है की लोग शेयर बाज़ार में निवेश करने से डरते हैं और अगर करते हैं तो बहुत कम निवेश करते हैं. विजय जी का मानना है की यदि आपको कोई अच्छा स्टॉक निवेश के लिए मिले तो इस अवसर मिले तो आप घबराए नहीं और उसमें आपने विवेक के हिसाब से निवेश करें.
3):- धीरज: एक निवेशक के लिए सबसे महत्वपूर्ण गुण है – धीरज. कभी कभी कोई स्टॉक वर्षो ले लेता है प्रदर्शन करने में और निवेशक आपना धीरज खो देते है. एक निवेशक को आपना धीरज नहीं खोना चाहिये और कम से कम किसी स्टॉक को 5 वर्ष देने चाहिये प्रदर्शन करने के लिए.
विजय केडिया के IIM में दिए गए लेक्चर को आपको सुनना चाहिए